In the Indian system of governance, the policies are set by the Parliament and the state legislatures who give the goals to be achieved through public spending. These policies are translated into programmes and implemented by various department of government. For this, Parliament sanctions the budget detailing the mode of collection, amount of collection and also for the purpose for it is to be spent. The government departments are accountable for the quantity and quality of their expenditure to the Parliament. Comptroller & Auditor General of India (CAG) assists the Parliament in enforcing the accountability of the government departments.
Audit is one of the four main pillars of democracy viz. (i) Parliament, (ii) Judiciary, (iii) Press and (iv) Audit. Article 148 of the Constitution describes the appointment, removal, salary, terms and conditions of the service of the CAG of India.
भारतीय सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थान की भूमिका :- भारतीय शासन व्यवस्था में नीतियों को संसद और राज्य विधायिकाओं द्वारा निर्धारित किया जाता है जो सार्वजनिक खर्चों के माध्यम से प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों को प्रदान करते हैं I ये नीतियां कार्यक्रमों में अनुदित होती हैं और सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वित की जाती हैं। इसके लिए संसद संग्रह के तरीके, संग्रह की राशि और उद्देश्य जिसके लिए राशि खर्च की जानी है, के ब्योरे के साथ बजट स्वीकृत करती है I सरकारी विभाग संसद को उनके व्यय की मात्रा और गुणवत्ता के लिए जवाबदेह हैं I भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) सरकारी विभागों की जवाबदेही को लागू करने में संसद की सहायता करता है। ऑडिट लोकतंत्र के चार मुख्य स्तंभों में से एक है, अर्थात् (i) संसद, (ii) न्यायपालिका, (iii) प्रेस और (iv) लेखा परीक्षा I संविधान के अनुच्छेद 148 में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की सेवा की नियुक्ति, निष्कासन, वेतन, नियम और शर्तों का वर्णन किया गया है।