भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग :- भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग का एक सौ चालीस वर्षों से ज्यादा का इतिहास है I लेखापरीक्षा विभाग का गठन 1860 में हुआ था जब सरकार के लेखांकन और अंकेक्षण कार्य एकीकृत कर भारत के महालेखा परीक्षक के अधीन कर दिए गए थे I 1919 में महालेखा परीक्षक को वैधानिक मान्यता दी गई I 1935 में महालेखापरीक्षक के स्तर को बढ़ा दिया गया और 1950 में जब संविधान अस्तित्व में आया तो महालेखापरीक्षक को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का दर्जा दिया गया I 1971 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा शर्तों सम्बंधित अधिनियम बनाया गया जो भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कर्तव्यों और शक्तियों को परिभाषित करता है संविधान के अनुच्छेद 149 से इसको अधिकार प्राप्त हैं I
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का एक अद्वितीय स्थान है क्योंकि बहुत से देशों के विपरीत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को लेखा और लेखा परीक्षा दोनों कार्य सौंपे गए हैं I वह न तो संसद का अधिकारी है और न ही कार्यपालक पदाधिकारी है।
आज पूरे भारत में 43,000 से अधिक कर्मचारी और 593 अधिकारी इस विभाग में हैं I
The Indian Audit & Accounts Department has a history of over hundred and forty years. The Audit Department was formed in 1860 when Government Accounting and Auditing functions were amalgamated and placed under the Auditor General of India. In 1919, the Auditor General was given statutory recognition. In 1935, the status of the Auditor General was further enhanced and in 1950, when the Constitution came into force, the Auditor General was redesignated as the Comptroller & Auditor General of India. In 1971, the CAG’s DPC (Duties, Powers and Conditions of Service) Act was formulated which defines the duties and powers of the Comptroller & Auditor General of India and derives its authority from article 149 of the Constitution.
The Comptroller & Auditor General of India has a unique position because unlike most countries, the Comptroller & Auditor General of India has been assigned both accounting and auditing functions. He is neither an officer of Parliament nor a functionary of the executive.
Today, the department consists of more than 43,000 staff and 593 officers spread across India.